भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर आसनसोल लोकसभा क्षेत्र से लड़ने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था। उम्मीद थी भाजपा उन्हें कहीं और का टिकट दे देगी। लेकिन, कुछ देर पहले भाजपा ने लोकसभा उम्मीदवारों की जो आखिरी लिस्ट जारी की, उसने सारे अटकलों पर विराम लगा दिया। पवन सिंह को कहीं से भी टिकट नहीं मिला। जिस सीट से पवन सिंह नहीं लड़ना चाहते थे, वहां से वरीय नेता एसएस अहलूवालिया को उम्मीदवार बनाया है। पवन सिंह भाजपाई हैं, लेकिन भाजपा की इस सूची के साथ बगावत का अंदेशा सामने आ रहा था। वह कांग्रेस की तरफ देख रहे थे, क्योंकि उसे अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करनी है। लेकिन, अब पवन सिंह ने बिहार में काराकाट सीट से उतरने का एलान कर दिया है। यह सीट महागठबंधन में भाकपा माले के पास है। ऐसे में पवन सिंह निर्दलीय होंगे, यह ज्यादा संभावना है।
पवन सिंह की घोषणा…किसका प्लान?
आसनसोल सीट से न लड़ने की कही थी बात
भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर आसनसोल लोकसभा क्षेत्र से लड़ने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था। उम्मीद थी भाजपा उन्हें कहीं और का टिकट दे देगी। लेकिन, कुछ देर पहले भाजपा ने लोकसभा उम्मीदवारों की जो आखिरी लिस्ट जारी की, उसने सारे अटकलों पर विराम लगा दिया। पवन सिंह को कहीं से भी टिकट नहीं मिला। जिस सीट से पवन सिंह नहीं लड़ना चाहते थे, वहां से वरीय नेता एसएस अहलूवालिया को उम्मीदवार बनाया है।
पवन सिंह की घोषणा: आसनसोल सीट से न लड़ने की कही थी बात
दरअसल, जब भाजपा ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से पवन सिंह के नाम का एलान किया था। इसके बाद पवन सिंह ने खुद ही यह सूची सोशल मीडिया पर पोस्ट की। मिठाई खिलाते और भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए वीडियो भी डाला गया। लेकिन, 24 घंटे से पहले ही खुद ही पवन सिंह ने कहा कि वह आसनसोल सीट से उम्मीदवार नहीं हो सकते। भोजपुरी अभिनेता-गायक ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के प्रति ‘आभार’ व्यक्त करते हुए यह घोषणा कर दी। इधर, जैसे ही पवन सिंह ने यह बातें कहीं उसके बाद ही तृणमूल के महसाचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया पर भाजपा के खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया। उन्होंने इसे पश्चिम बंगाल के लोगों की ‘अदम्य इच्छाशक्ति और शक्ति’ बताते हुए इसकी सराहना की।
क्या लिखा पवन सिंह ने, यह भी पढ़ें
पवन सिंह ने पार्टी की जानकारी नहीं शेयर की, लेकिन सोशल मीडिया पर यह जरूर लिखा है- “माता गुरुतरा भूमेरू” अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी माँ से वादा किया था की मैं इस बार चुनाव लड़ूँगा । मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट,बिहार से लड़ूँगा ।
आरा से चुनाव लड़ना चाहते थे पवन सिंह?
सूत्रों के मुताबिक
पवन सिंह भले ही आसनसोल से टिकट मिलने से खुश थे, लेकिन उनकी पहली पसंद आरा थी। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, एक बार इस संबंध में पवन सिंह भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से भी मिले थे। ताकि उनको आरा से टिकट मिल जाए, लेकिन भाजपा ने आरा से उनको टिकट नहीं दिया। आसनसोल के भाजपा नेताओं ने उनके इस निर्णय पर बयान जारी नहीं किया था। हालांकि, एक दिन बाद ही पवन सिंह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि जो भी होगा सब ठीक होगा। लेकिन, भाजपा ने आरा सीट से केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को फिर से टिकट दे दिया। अब जब भाजपा ने आसनसोल का टिकट भी दूसरे को दे दिया तो पवन सिंह ने एलान के मुताबिक बिहार की काराकाट सीट से उतरने की घोषणा कर दी।